अनमोल वचन

बात वो करो

3.5
(2)

बात पर स्टेटस शायरी

बात वो करो जो औरों को अच्छी लगे
काम वो करो जो रब को अच्छा लगे
दोस्त वो बनाओ जो गम में सीने से लगे
पहचान वो बनाओ जो जाने के बाद लोगों को अच्छी लगे ।

बात पर स्टेटस शायरी

बात बन जाए तो तदवीर नज़र आती है
गर बिगड़ जाए तो तक़दीर नज़र आती है ।

बातें कम, काम बड़े करो क्योंकि दुनिया को सुनाई कम देता है और दिखता ज्यादा है ।

कड़वी बात को छोड़कर हाथ पकड़े रहना चाहिए पर
लोग हाथ को छोड़ देते और बात को पकड़े रहते हैं ।

बात पर स्टेटस शायरी हिन्दी

कपड़े से छाना हुआ पानी स्वास्थ्य को ठीक करता है,
और विवेक से छानी हुई वाणी संबंध को ठीक करती है ।

प्यार का रिश्ता भी कितना अजीब होता है,
मिल जाये तो बातें लंबी और बिछड़ जायें तो यादें लंबी ।

बात अच्छी है तो उसकी हर जगह चर्चा करो;
है बुरी तो दिल में रखो, फिर उसे अच्छा करो ।

बड़ों से बात करने का तरीका आपकी ‘तमीज़‘ बताता है और
छोटों से ‘तमीज़’ से बात करने का तरीका आपकी ‘परवरिश’ बताता है ।

जो ताला चाबी को एक ओर घुमाने से बंद होता है, वही
दूसरी ओर घुमाने से खुल भी जाता है ।
हम अपने विचार , वाणी और व्यवहार को इस तरह
घुमाएँ कि रिश्तों के बंद पडे़ ताले फिर से खुल जाएँ ।

बात पर स्टेटस शायरी

बाहर से जो करता है, बहुत प्यार से बातें
अन्दर से वही शख्स हमारा नहीं होता ।

बात पर स्टेटस शायरी और पढ़ें  – बात करने से ही बात बनती है

बातों से सीखा है हमने आदमी को पहचानने का फन,
जो हल्के लोग होते हैं, हर वक्त बातें भारी-भारी करते हैं ।

सुलझ गई तो सिमटने लगेगी जिंदगी,
कुछ बातें उलझी ही रहने दो ।

यूँ गुमसुम मत बैठो पराये से लगते हो,
मीठी बातें नहीं करना है तो चलो झगड़ा ही कर लो ।

जो बातें हमें भूल जानी चाहिए, वो सब हमें याद हैं,
इसलिए ही ज़िन्दगी में इतना विवाद है ।

रिश्तों की बातें बस दिल तक रखना,
दिमाग चालाक है हिसाब लगाएगा ।

मीठी-मीठी बातें तो हमें भी आती हैं लेकिन,
वो संस्कार नहीं सीखे जिससे किसी का दिल दुखे ।

सफल रिश्तों के यही उसूल हैं,
वो बातें भूलिए जो फिजूल हैं ।

सुनकर ज़माने की बातें, तू अपनी अदा मत बदल,
यकीं रख अपने खुदा पर, यूँ बार-बार खुदा मत बदल ।

कभी पीठ पीछे आपकी बात चले तो घबराना मत,
बात उन्हीं की होती है, जिनमें कोई बात होती है ।

मनचाहा बोलने के लिए,
अनचाहा सुनने की ताकत भी होनी चाहिए ।

पक्षी और मनुष्य के जीवन में एक समानता है
पक्षी अपने पैरों के कारण जाल में
और मनुष्य अपनी जुबान के कारण
बात में उलझ जाता है ।

एक वक्त था जब बातें खत्म नहीं हुआ करती थी,
आज सब खत्म हो गया पर बात नहीं होती ।

बात पर स्टेटस शायरी और पढ़ें  –

लफ्ज़ ही होते हैं, इन्सान का आइना

अल्फ़ाज़ों का अहम किरदार रहा है, दूरियाँ बढ़ाने में

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