
उम्र को अगर हराना है
उम्र पर शायरी अनमोल विचार, सुविचार
उम्र को अगर हराना है तो
शौक जिन्दा रखिये,
घुटने चलें या न चलें
मन उड़ता परिंदा रखिये।

उम्र का मोड़ कोई भी हो
बस धड़कनों में नशा
ज़िन्दगी का होना चाहिए ।
कौन कहता है
बढ़ती उम्र में सुंदरता कम हो जाती है
ये तो बस चेहरे से उतर कर
दिल में आ जाती है ।
ज़िन्दगी के दो पड़ाव
अभी उम्र नहीं है
अब उम्र नहीं है ।

क्या खूब रंग दिखाती है ज़िन्दगी
क्या इत्तेफ़ाक़ होता है,
प्यार में उम्र नहीं होती,
पर हर उम्र में प्यार होता है।
ख्वाइशें कुछ यूँ भी अधूरी रही ,
पहले उम्र नहीं थी अब उम्र नहीं रही।
उम्र ढलने पर
समझ में ज़िन्दगी आने लगी
जब सिमटने लग गए पर,
आसमाँ खुलने लगा ।

उम्र से सम्मान जरूर
मिलता है,
पर आदर तो आपके
व्यवहार से ही मिलेगा ।
उम्र पर शायरी
फितूर होता है, हर उम्र में जुदा जुदा
खिलौना, इश्क़, पैसा फिर खुदा खुदा
बचपन साथ रखियेगा
ज़िन्दगी की शाम में
उम्र महसूस ही नहीं होगी
सफर के मुकाम में।

कुछ वक्त खुद को भी दें
वरना ये दुनिया
सारी उम्र छीन लेगी ।
उम्र का बढ़ना
दस्तूर-ए-जहाँ है
महसूस न करो तो
बढ़ती कहाँ है ।
उम्र बिना रुके सफर कर रही है
और हम ख्वाहिशें लेकर वहीं खड़े हैं ।

जिस उम्र में जो करने का मन हो,
वह उसी उम्र में कर लेना चाहिए ।
वरना जिंदगी में
काश बढ़ जाते हैं ।
एक उम्र के बाद उस उम्र की बातें
उम्र भर याद आती हैं
पर वह उम्र फिर
उम्र भर नहीं आती ।
जो कट गई,
वो तो उम्र थी साहब ।
जिसे जी लिया,
उसे जिंदगी कहिये ।

चाहे जिधर से गुजरिए
मीठी सी हलचल मचा दीजिए
उम्र का हर एक दौर मजेदार है
अपनी उम्र का मजा लीजिए ।
उम्र एक दिमागी ख्याल है
अगर आप विचार नहीं करते तो
कोई फर्क ही नहीं पड़ता ।
जो दिन परिवार के साथ बीतें
वो ज़िन्दगी है और जो दिन
परिवार के बिना बीतें
वो उम्र है।
उम्र गुजर जाती है सवालों को समझने में
तब जा के लगता है पता ”हर सवाल का जवाब’ नहीं होता
जो आसानी से मिल जाये वो ”लाजवाब” नहीं होता
जिसमें कांटे न हों वो ”गुलाब ”नहीं होता ।
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