अनमोल वचन

ज़िन्दगी जीना कोई गुलाब से सीखे

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प्यार में कोई दिल तोड़ता है
ज़िन्दगी में कोई भरोसा तोड़ता है
ज़िन्दगी जीना कोई गुलाब से सीखे
जो खुद टूट कर दो दिलों को जोड़ता है।

फूल पर सुविचार

सुख दुःख निभाना तो कोई फूलों से सीखे
बरात हो या जनाजा साथ जरूर देते हैं ।

फूल चाहे कितनी भी ऊँची टहनी पर लग जाए
लेकिन मिट्टी से जुड़ा रहता है, तभी खिलता है ।

किसी ने फूल से पूछा कि,
जब तुम्हें तोड़ा गया तो तुम्हें दर्द नहीं हुआ ?
फूल ने जवाब दिया
तोड़ने वाला इतना खुश था कि
मैं अपना दर्द भी भूल गया ।

जिन्दगी को हमेशा
एक फूल की तरह जिया करो
जो खुशबू भी दूसरों को देता है और
टूटता भी दूसरों के लिए ही है ।

लोग शिकायत करते हैं कि
ईश्वर ने फूलों के साथ काँटे बना दिए
क्या ईश्वर को धन्यवाद नहीं देना चाहिए कि
उन्होंने काँटों के साथ फूल भी बना दिए ?

यदि गुलाब की तरह खिलना चाहते हैं तो
काँटों के साथ तालमेल की कला सीखनी होगी ।

खुशी के फूल उन्हीं दिलों में खिलते हैं
जो अपनों से अपनों की तरह मिलते हैं ।

फूल और कांटे शायरी – तालमेल की कला

गुलाब यूँ ही गुलाब नहीं होता है, 
ये अदा काँटों में पलने के बाद आती है।

जिन्दगी में कई मुश्किलें आती हैं, और
इन्सान जिन्दा रहने से घबराता है,
ना जाने हजारों काँटों के बीच,
रह कर भी एक फूल मुस्कुराता है ।

तारीफ अपने आप की करना फिज़ूल है
खुश्बू खुद बता देती है, कौन सा फूल है ।

तारों में अकेला चाँद जगमगाता है
मुश्किलों में अकेला इंसान ही डगमगाता है
काँटों से मत घबराना मेरे दोस्त
क्योंकि काँटों में ही एक गुलाब मुस्कुराता है ।

ज़िन्दगी एक फूल है तो मोहब्बत उसकी खुशबू 
प्यार एक दरिया है तो महबूब उसका साहिल 
अगर ज़िन्दगी एक दर्द है तो दोस्त उसकी दवा ।

काँटा न होता तो फूल की हिफाजत न होती
अँधेरा न होता तो रोशनी की जरुरत न होती
अगर मिल जाती खुशियाँ दुनिया में आसानी से
तो दिल की मुलाकात दर्द से न होती ।

फूल और कांटे शायरी

फूल इसीलिए अच्छे कि खुश्बू का पैगाम देते हैं,
कांटे इसलिये अच्छे हैं कि दामन थाम लेते हैं,
दोस्त इसलिये अच्छे हैं कि वो मुझ पर जान देते हैं, और
दुश्मनों को मैं कैसे खराब कह दूँ,
वो ही तो हैं जो महफिल में मेरा नाम लेते हैं।

फूल और कांटे शायरी पर और पोस्ट पढ़ें –

असली फूलों पर इत्र  छिड़का नहीं जाता

मुस्कराते फूलों में न दिखा

बच गया तलवार से तो फूल से कटना पड़ा है

फल और फूल किसी की प्रेरणा के बिना काम करते हैं

न फूलों से न अलंकृत केशों से पुरुष की शोभा तो सुसंस्कृत वाणी से है

वह सदैव नए फूलों के सृजन में व्यस्त रहता है

फूलों और बहारों ने आपके लिए रंग बिखेरा है

हर आदमी खिले फूलों और खिले चेहरों को पसंद करता है

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