मंजिल पर शायरी सुविचार अनमोल वचन हिंदी मैसेज
मंजिल पर पहुँचना हो तो राह के काँटों से मत घबराना
क्योंकि काँटे ही बड़ा देते हैं, रफ़्तार क़दमों की।
अगर पाना है मंजिल तो अपना रहनुमा खुद बनो
वो अक्सर भटक जाते हैं, जिन्हें सहारा मिल जाता है।
मंज़िल पाना तो बहुत दूर की बात हैं।
गुरूर में रहोगे तो रास्ते भी न देख पाओगे।
चलता रहूँगा मै पथ पर, चलने में माहिर बन जाऊँगा,
या तो मंज़िल मिल जायेगी, या मुसाफिर बन जाऊँगा।
अंदाज़ कुछ अलग ही है मेरे सोचने का,
सब को मंज़िल का शौक़ है, मुझे रास्ते का ।
मंजिल पर शायरी सुविचार
रास्ते कहाँ ख़त्म होते हैं, ज़िंदग़ी के सफ़र में,
मंज़िल तो वहाँ है, जहाँ ख्वाहिशें थम जाएँ।
जब आँखों में अरमान लिया
मंजिल को अपना मान लिया
फिर मुश्किल क्या और आसान क्या
बस ठान लिया तो ठान लिया ।
मंजिल तक पहुंचने के लिये बड़े बड़े कदमों की
उतनी जरूरत नहीं, जितनी सधे कदमों की जरूरत है ।
हार को मन का नहीं मंज़िल का सबक बना
जिन्दगी अकसर उलझती है, जब राहें मंजिल के करीब हो।
जो चलते हैं मंजिल की ओर, वो शिकवे नहीं किया करते
जो करते हैं शिकवे गिले वो मंजिल पर पहुँचा नहीं करते ।
अभी ना पूछो मंज़िल कहाँ है, अभी तो हमने चलने का इरादा किया है।
न हारे हैं न हारेंगे कभी, ये खुद से वादा किया है।
मुश्किलें जरुर हैं, मगर ठहरा नही हूँ मैं
मंज़िल से जरा कह दो, अभी पहुंचा नही हूँ मैं।
मंजिल पर शायरी अनमोल वचन
रात नही ख्वाब बदलता है,
मंजिल नही कारवाँ बदलता है,
जज्बा रखो जीतने का,
वक़्त जरूर बदल जाता हैं।
मंजिल चाहे कितनी भी ऊँची क्यों न हो,
रास्ता हमेशा पैरों के नीचे ही होता है ।
जो अपने क़दमों की काबिलियत पर
विश्वास रखते हैं
वही लोग अक्सर मंज़िल पर पहुँचते हैं ।
ज़रा ठहरो हमें भी साथ ले लो कारवाँ वालो
अगर तुम से न पहचानी गई मंज़िल तो क्या होगा।
मंजिल मिले न मिले, ये तो मुकद्दर की बात है
हम कोशिश भी न करें ये तो गलत बात है ।
राहे मंज़िल में बिछे काँटों को देखकर, हौसले जिनके डगमगाते हैं
वे मंज़िल को भुला काँटों में उलझ जाते हैं ।
जिनकी निगाह मंज़िल पर होती है,
वो काँटों पर चलकर ही मंज़िल को पाते हैं ।
मंजिल पर बेहतरीन शायरी
आशाएँ ऐसी हों जो मंज़िल तक ले जाएँ, मंज़िल ऐसी हो जो जीवन जीना सीखा दे,
जीवन ऐसा हो जो संबंधों की कदर करे और संबंध ऐसे हो जो-याद करने को मजबूर कर दे।
अपने जीवन की मंजिल का रास्ता हर किसी से पूछोगे तो भटक जाओगे..!
क्योंकि आपकी मंजिल की अहमियत जितनी आप जानते हो उतनी और कोई नहीं जानता..!!
जो यकीन की राह पर चल दिए उन्हें मंज़िलों ने पनाह दी
जिन्हें जमाने ने डरा दिया, वो कदम-कदम पे बहक गए।
तुमको गिराने की लाख साजिशें करे कोई
पर तुम संभल कर तो देखो
तुम्हारी रौशनी से होगा रौशन जमाना
कभी चिरागों की तरह जलकर तो देखो ।
कठिनाईयाँ हज़ार हों पर, हौसला तेरा दमदार हो,
रास्ते की रुकावटों का तुम, मुँह तोड़ जवाब दो,
किस्मत से डरो नहीं, उसे रच के अपने नाम करो,
सपनों को उड़ान दो और अपने लक्ष्य को प्राप्त करो ।
जज्बा है जूनून है हिम्मत है हौसला है,
अपने हर सवाल का तू खुद जबाब है,
फिर क्यूं डरता है मंजिल की तरफ बढ़ने से,
ये सिर्फ मंजिल नहीं,
तेरी जिन्दगी का आखिरी पड़ाव है।
निगाहों में मंज़िल थी गिरे और गिर कर संभलते रहे
हवाओं ने तो बहुत कोशिश की मगर चिराग आँधियों में भी जलते रहे ।
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