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सच पर शायरी सुविचार

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सच पर शायरी, सत्य पर शायरी, सत्य पर अनमोल वचन, हिंदी में

झूठ, बेवजह दलील देता है;
सच, खुद अपना वकील होता है ।

बस ज़रा स्वाद में कड़वा है,
नहीं तो सच का कोई जवाब नहीं।

सच बोलता हूँ तो टूट जाते हैं रिश्ते,
झूठ कहता हूँ तो खुद टूट जाता हूँ ।

रख लो आईने तसल्ली के लिए पर
सच के लिए तो आंखें ही मिलानी पड़ेंगी ।

झूठ के नाव सच के समंदर में चलते नही,
झूठ बोलने वाले अपना स्वभाव बदलते नहीं।

सच्चाई के रास्ते पर चलना फ़ायदे की बात होती हैं,
क्योंकि इस राह पर भीड़ कम होती है ।

यहाँ सब खामोश है, कोई आवाज़ नहीं करता.
सच बोलकर कोई, किसी को नाराज़ नहीं करता ।

दोपहर तक बिक गया! बाजार का हर एक झूठ
और मैं एक सच लेकर शाम तक बैठा हो रहा ।

तहज़ीब के खिलाफ हुआ सच का बोलना
अब झूठ ज़िन्दगी के सलीक़े में आ गया ।

सीख नहीं पा रहा हूँ मीठे झूठ बोलने का हुनर,
कड़वे सच से हमसे न जाने कितने लोग रूठ गए। 

सच्चे किस्से शराब खाने में सुने, वो भी हाथ मे जाम लेकर,
झूठे किस्से अदालत में सुने, वो भी हाथ मे गीता-कुरान लेकर ।

दिलों को तौलनेवाले, अभी कुछ लोग बाकी हैं.
मोहब्बत घोलने वाले, अभी कुछ लोग बाकी हैं.
यकीनन झूठ है, बस झूठ है, बस झूठ दुनिया में,
मगर सच बोलने वाले, अभी कुछ लोग बाकी हैं ।

सच पर सुविचार

देर से बोला गया सत्य 
कभी-कभी झूठ के बराबर हो जाता है।

सत्य की ख्वाहिश होती है कि
सब उसे पहचानें और
झूठ को हमेशा डर लगता है कि
कोई उसे पहचान न ले।

झूठ में आकर्षण होता है,
पर स्थिरता सत्य में ही होती है ।

झूठ बोलने पर झूठ याद रखने होते हैं
जबकि सच बोलने पर
कोई बात याद नहीं रखनी पड़ती है ।

सच वह दौलत है
जिसे पहले खर्च करो और
ज़िन्दगी भर आनंद उठाओ और
झूठ वह क़र्ज़ है
जिससे क्षणिक सुख पाओ और
ज़िन्दगी भर चुकाते रहो ।

सच पर शायरी और पढ़िए –

सच और झूठ

जीवन का सच

सच का नकाब

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