लौट आता हूँ वापस घर की तरफ

इंसान पर सुविचार, अनमोल वचन, शायरी
इंसान की अच्छाई पर,
सब खामोश रहते हैं;
चर्चा अगर उसकी बुराई पर हो,
तो गूँगे भी बोल पड़ते हैं ।
लौट आता हूँ वापस घर;
की तरफ;
हर रोज़ थका-हारा,
आज तक समझ नहीं आया कि,
जीने के लिए काम करता हूँ;
या काम करने के लिए जीता हूँ।
बचपन में सबसे अधिक बार पूछा गया सवाल –
बड़े हो कर क्या बनना है ?
जवाब अब मिला है –
फिर से बच्चा बनना है ।
थक गया हूँ,
तेरी नौकरी से ऐ जिन्दगी
मुनासिब होगा,
मेरा हिसाब कर दे ।
झूठ का भी अजीब जायका है;
स्वयं बोलो तो मीठा लगता है और;
कोई दूसरा बोले तो कड़वा लगता है ।
बारिश में रख दूँ जिंदगी को;
ताकि धुल जाए पन्नो की स्याही,
ज़िन्दगी फिर से लिखने का;
मन करता है कभी-कभी।
पैसे से सुख,
खरीदा नहीं जाता;
और दुख का कोई,
खरीददार नहीं होता ।
लोग अक्सर कहते हैं,
ज़िंदा रहेंगे तो मिलेंगे;
मगर एक सच्चे दोस्त ने कहा
मिलते रहेंगे तो ज़िंदा रहेंगे ।
किसी को नींद आती है;
मगर ख्वाबों से नफरत है,
किसी को ख्वाब प्यारे हैं;
मगर वो सो नहीं सकता ।
इंसान की चाहत है कि,
उड़ने को पर मिले;
और परिंदे सोचते हैं कि
रहने को घर मिले ।
सफल रिश्तों के यही उसूल हैं;
वो सब भूलिए, जो फिज़ूल हैं ।
छल में बेशक बल है;
माफ़ी आज भी हल है ।
इंसान पर सुविचार और पढ़ें – हक़ीक़त जिंदगी की
दूसरों की छाँव में खड़े रहकर,
हम अपनी परछाई खो देते हैं,
अपनी परछाई के लिये,
खुद धूप में खड़ा होना पड़ता है ।
जिन्दगी तेरी भी,
अजब परिभाषा है;
सँवर गई तो जन्नत,
नहीं तो सिर्फ तमाशा है ।
दुनिया के बड़े से बड़े साइंटिस्ट,
ये ढूँढ रहे है कि,
मंगल ग्रह पर जीवन है या नहीं,
पर इंसान ये नहीं ढूँढ रहा है कि,
उसके जीवन में मंगल है या नहीं।
एक सत्य ये भी है कि;
धनवानों का आधा धन तो;
ये जताने में चला जाता है कि,
वे भी धनवान हैं ।
कमाई छोटी या बड़ी हो सकती है;
पर रोटी की साईज़ लगभग;
सब घर में एक जैसी ही होती है ।
कमाल है न,
आँखे तालाब नहीं, फिर भी भर आती हैं ।
दुश्मनी बीज नहीं, फिर भी बोयी जाती है ।
होठ कपड़ा नहीं फिर भी सिल जाते हैं ।
किस्मत सखी नहीं, फिर भी रुठ जाती है ।
बुद्वि लोहा नहीं फिर भी जंग लग जाती है ।
आत्मसम्मान शरीर नहीं, फिर भी घायल हो जाता है;
और इंसान मौसम नही, फिर भी बदल जाता है ।
अजीब तरह के लोग हैं,
इस दुनिया में,
अगरबती भगवान के लिए खरीदते हैं,
और खुशबू खुद की,
पसंद से तय करते हैं ।
जिंदगी गुजर गयी,
सबको खुश करने में;
जो खुश हुए;
वो अपने नहीं थे,
जो अपने थे,
वो कभी खुश नहीं हुए ।
इंसान पर सुविचार और पढ़ें – लेटेस्ट फेसबुक व्हाट्सएप स्टेटस
जब हम अकेले हों,
तब अपने विचारों को संभालें ।
और जब हम सबके बीच हों
तब अपने शब्दों को संभालें ।
जब इंसान कामयाबी के;
शिखर पर होता है तो;
अक्सर अपनों को भूल जाता है,
और जब बरबादी की कगार पर होता है,
तो अपने उसे भूल जाते हैं ।
बदला लेने में क्या मजा है,
मजा तो तब है जब तुम सामने;
वाले को बदल डालो ।
इच्छा बुरी बला,
पूरी न हो तो क्रोध बढ़ता है;
और पूरी हो तो लोभ बढ़ता है ।
बड़ा आदमी बनना अच्छी बात है;
लेकिन;
अच्छा आदमी बनना,
बहुत बड़ी बात है ।
महँगे इतने न बनें कि,
लोग बुला न सकें;
और सस्ते इतने न बनें कि,
लोग नचाते रहें ।
ज़िंदगी को समझना बहुत मुश्किल,
कोई सपनों की खातिर,
अपनों से दूर रहता है;
और कोई अपनों की खातिर,
सपनों से दूर रहता है ।
जब लगे पैसा कमाने;
तो समझ आया,
शौक तो मां-बाप के पैसों से,
पूरे होते थे;
अपने पैसों से तो;
सिर्फ जरूरतें ही पूरी होती हैं ।
अजीब सौदागर है
ये वक़्त भी,
जवानी का लालच देकर
बचपन ले गया
और अमीरी का लालच
देकर जवानी ले गया ।
जब आप फिक्र में होते हैं;
तो खुद जलते हैं;
और बेफिक्र होते हैं;
तो दुनिया जलती है ।
सफलता को;
सिर पर चढ़ने न दें
और असफलता को;
दिल में उतरने ने दें ।
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किस्मत आपके हाथ में नहीं होती;
पर निर्णय आपके हाथ में होता है ।
किस्मत आपका निर्णय नहीं बदल सकती;
पर आपका निर्णय किस्मत बदल सकता है ।
छोटे थे तो हर बात भूल जाया करते थे;
दुनिया कहती थी याद करना सीखो;
बड़े हुए तो हर बात याद रहती है;
दुनिया कहती है भूलना सीखो ।
आप होशियार हैं;
अच्छी बात है,
पर हमें मूर्ख न समझे;
यह उस से भी अच्छी बात है ।
जीवन में दो ही व्यक्ति;
असफल होते हैं,
एक,
जो सोचते हैं;
पर करते नहीं;
और दूसरे वो,
जो करते तो हैं;
पर सोचते नहीं हैं ।
आधे दुख;
गलत लोगों से,
उम्मीद रखने से होते हैं;
और बाकी आधे;
सच्चे लोगों पर;
शक करने से होते हैं ।
बेगुनाह कोई नहीं,
सबके राज़ होते हैं;
किसी का छप जाता है;
किसी का छिप जाता है ।
आँखें दुनिया की;
तमाम मुसीबतें समेट लेती हैं;
जब रोती हैं;
दिलों को हिला देती हैं;
और जब बंद होती हैं;
तो दुनिया को रुला देती हैं ।
दौलत भी क्या चीज है,
जब आती है तो;
इंसान खुद को भूल जाता है;
और जब जाती है तो,
ज़माना उसको भूल जाता है ।